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The haji ali Dargha MUMBAI

ऐसा ही एक स्थान है अरब सागर में स्थित हाजी अली शाह बुखारी की दरगाह। यहां हर धर्म के लोग आकर अपनी मनोकामना का धागा बांधकर जाते हैं। उन्हें यह उम्मीद होती है कि यहां मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है

धार्मिक स्थल

दुनिया में ऐसे अनेक धार्मिक स्थल हैं, जो किसी ना किसी विशिष्ट धर्म से संबंध रखते हैं, परंतु इन सभी के बीच कुछ स्थल ऐसे भी हैं जहां जाने वालों को किसी प्रकार की धर्म की दीवार में बांधा नहीं जा सकता। यहां हर वो व्यक्ति आता है जो ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास करता है, उसे अपना रहनुमा मानता है, फिर चाहे वो सिख हो, हिन्दू हो, ईसाई हो या फिर मुसलमान, धर्म की कोई बाधा उनके आड़े नहीं आती।

दरगाह की खासियत

हाजी अली की दरगाह का निर्माण 15वीं सदी की शुरुआत में हुआ था। वरली खाड़ी (मुंबई) की यह दरगाह जमीन से करीब 500 गज की दूरी पर स्थित है। दरगाह तक पहुंचने के लिए एक संकरा सा रास्ता है, जिसके आसपास अरब सागर हिलोरे मारता है। इस दरगाह की सबसे खास बात यह है कि अरब सागर की तेज लहरें जब समुद्र के बाहर तक आ जाती हैं, तब दरगाह तक पहुंचने का मार्ग तो पानी में डूब जाता है लेकिन दरगाह के भीतर पानी की एक बूंद भी प्रवेश नहीं कर पाती


दिलकश नजारा

इस मजार का नजारा बेहद दिलकश है। पानी की लहरों में बीच सफेद रंग से उज्जवल हाजी अली की दरगाह बेहद दर्शनीय लगती है

हज यात्रा

हाजी अली शाह बुखारी एक बड़े व्यापारी थे लेकिन इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने अपना कारोबार और धन त्यागकर एक संत की तरह जीवन जिया। कहा जाता है जब वह हज करने के लिए मक्का की यात्रा पर गए थे तो जाने से पहले वे अपना सारा धन जरूरतमंदों को दान कर गए थे।

                               ENGLISH

One such place is the Dargah of Haji Ali Shah Bukhari situated in the Arabian Sea. Here individuals of each religion come and tie the string of their own joys. They trust that the cash requested here is unquestionably satisfied

religious place There are numerous religious places on the planet which are identified with some specific religion, yet there are a few spots among these, where individuals who go to can not be tied in the mass of any sort of religion. Each individual who has faith in God's presence, puts stock in the presence of God, views it as his adoration, regardless of whether it be a Sikh, a Hindu, a Christian or a Muslim, no impediment to religion.

HAJI ALI

Dargah's forte Haji Ali's dargah was worked in the start of the fifteenth century. This darwari of Worli Gulf (Mumbai) is arranged at a separation of around 500 yards starting from the earliest stage. There is a tight way to come to the dargah, around which the Arabian Sea murders. The most critical thing of this dargah is that when the influxes of the Arabian Sea go to the outside of the sea, at that point the way to come to the dargah gets suffocated in water, yet a drop of water inside the dargah can not in any case enter
The haji ali Dargha MUMBAI The haji ali Dargha MUMBAI Reviewed by Highonindia on July 27, 2018 Rating: 5

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